अहमदाबाद में जल्द ही छुट्टा गायों के लिए श्मशान की व्यवस्था होगी जहां उन्हें स्वच्छ और कुशल सीएनजी भट्ठी (CNG furnace) में उनके शवों का सम्मानजनक अंतिम संस्कार होगा।
इस पहल के लिए भाजपा पार्षदों और अहमदाबाद नगर निगम (AMC) के अधिकारियों के नेतृत्व में इस परियोजना का उद्देश्य मृत गायों के शवों का समाधान करना है। हालांकि, गायों के लिए शवदाह गृह (crematorium) के नगर निकाय के नए प्रस्ताव ने भी अधिकारियों के बीच बहस छेड़ दी है, और उनमें से एक वर्ग की राय है कि इसे टाला जाना चाहिए।
शवदाह गृह (crematorium) की योजना ग्यासपुर सीवेज विकिरण संयंत्र (Gyaspur sewage radiation plant) के पास बनाई जा रही है और यह 4,000 वर्ग मीटर में फैला होगा। विशेष बात यह है कि राज्य में कहीं भी इतनी बड़ी सुविधा, जिसकी जलने की दर 700 किलोग्राम प्रति घंटा होगी, नहीं है।
एक अधिकारी ने कहा, “जानवर को उठाने और फिर उसे सीएनजी शव दाह में रखने के लिए एक अलग क्रेन का इस्तेमाल किया जाएगा। इस सुविधा पर 6 करोड़ रुपये तक की लागत आएगी।”
एएमसी आयुक्त एम थेन्नारसन ने पहले ही प्रस्तावित परियोजना की व्यवहार्यता पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरण इंजीनियरिंग, प्रकाश विभाग और शहर इंजीनियरिंग जैसे विभिन्न विभागों के शीर्ष अधिकारियों की राय मांगी है।
यह तर्क दिया गया कि भट्ठी की क्षमता इतनी बड़ी होनी चाहिए कि प्रति दिन 15 शवों का अंतिम संस्कार किया जा सके, जिसमें अन्य गोजातीय और आवारा जानवरों के शव भी शामिल हो सकते हैं।
एएमसी के एक अधिकारी ने कहा, “मानसून के दौरान, यह संख्या गोवंश सहित 35-40 आवारा जानवरों तक बढ़ सकती है।”
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