भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में पार्टी की युवा शाखा की अधिवक्ता और उपाध्यक्ष प्रियंका टिबरेवाल को मैदान में उतारा है। वह दक्षिण कोलकाता के भबानीपुर विधानसभा क्षेत्र से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टक्कर देने की जिम्मेदारी संभालेंगी। भबानीपुर ममता का गृह क्षेत्र है, जिस सीट से उन्होंने 2011 में 34 साल लंबे वाम शासन (लेफ्ट की सरकार) से बंगाल की गद्दी हासिल की थी। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख को अपना मुख्यमंत्री पद बरकरार रखने के लिए यह उपचुनाव जीतने की जरूरत है। उपचुनाव 30 सितंबर को और मतगणना 3 अक्टूबर को होगी।
शिक्षा से वकील तक का सफर युवा नेत्री टिबरेवाल का जन्म 7 जुलाई 1981 को हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वेलैंड गॉलस्मिथ स्कूल, कोलकाता से की। उन्होंने दिल्ली से स्नातक की पढ़ाई की और कोलकाता विश्वविद्यालय के हाज़रा लॉ कॉलेज से
कानून की डिग्री हासिल की। उन्होंने थाईलैंड के मान्यता विश्वविद्यालय से एचआर में एमबीए भी किया है। वह महिला सशक्तिकरण पर अपने एक मजबूत पक्ष के मामले को लेकर जानी जाती हैं।
बीजेपी से जुड़ाव वह अगस्त 2014 में भाजपा में शामिल हुईं। इससे पहले उन्होंने बाबुल सुप्रियो के लिए कानूनी सलाहकार के रूप में काम किया। उनकी मदद से उन्होंने राजनीति में कदम रखा। 2015 में उन्होंने कोलकाता के नगरपालिका चुनाव
में वार्ड 58 से चुनाव लड़ा, जिसमें वह तृणमूल कांग्रेस के स्वपन सम्मादार से हार गईं।
टिबरेवाल राज्य में पार्टी की सक्रिय और मुखर युवा नेत्री रहीं हैं। वह कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनाव के बाद की हिंसा के मामलों में याचिकाकर्ताओं में से एक थीं। अदालत ने हिंसा की सीबीआई जांच का आदेश दिया था, जिसे भाजपा ने अपने रुख की जीत माना।
टिबरेवाल के अलावा, पार्टी ने समसेरगंज के लिए मिलन घोष और जंगीपुर निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सुजीत दास को चुना। इन उपचुनावों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी।