प्रदेश सरकार द्वारा एक ऐसी नीति पेश किए जाने की संभावना है जिसके तहत सभी संवर्गों के प्रथम श्रेणी अधिकारी (Class I Officers) विदेश में पढ़ाई करने के लिए पात्र होंगे। इसका उद्देश्य अधिकारियों को बेहतर कौशल सेटों से लैस करके शासन को बेहतर बनाना है। यह उन मुद्दों में से एक है जिस पर हाल ही में आयोजित चिंतन शिविर (Chintan Shibir) में विस्तार से चर्चा की गई थी।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि अब तक, भारत सरकार विदेश में अध्ययन दौरों के लिए भेजे जाने वाले अधिकारियों को चुनती थी। यदि सरकार इसी तरह की नीति की घोषणा करती है, तो विभिन्न राज्य सरकार के विभागों के प्रथम श्रेणी वाले अधिकारी प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालयों में सार्वजनिक प्रशासन से संबंधित अध्ययन पाठ्यक्रमों के लिए पात्र होंगे।
सूत्रों ने कहा कि चाहे अधिकारी किसी भी कैडर के हों, यदि सरकार द्वारा उनके नाम की सिफारिश की जाती है तो सभी क्लास वन अधिकारी विदेशी अध्ययन के लिए पात्र होंगे। सूत्रों ने कहा, “यदि नीति लागू होती है, तो यह क्लास 1 आईएएस, आईपीएस, आईआरएस, आईएफएस, जीएएस, जीपीएस और सचिवालय, इंजीनियरिंग, सिंचाई, सहकारी और अन्य कैडर सहित अधिकारियों पर लागू होगी। इसके अलावा, विदेश में अध्ययन करने वाले अधिकारी को विदेश में अध्ययन अवधि के दौरान सवैतनिक अवकाश मिलने की संभावना है।”
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