अमेरिका में मानव तस्करी (human smuggling) के मामले हर रोज बढ़ते जा रहे हैं। गुजरात पुलिस ने इंटरपोल अधिकारियों (Interpol officers) से हस्तक्षेप की मांग की है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांसीसी क्षेत्र ग्वाडेलोप की सरकार ने 4 फरवरी को नौ गुजरातियों की गिरफ्तारी के बारे में भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) के तहत एमआरसीसी (समुद्री बचाव समन्वय केंद्र) को सूचित किया था।
लेकिन, पाँच महीने बीत गए, फिर भी उन्हें उनके परिवारों से मिलाने के लिए कुछ नहीं किया गया।
नाम न उजागर करने की शर्त पार एक व्यक्ति ने, एक राष्ट्रीय दैनिक को बताया, “उन्होंने डोमिनिका या एंटीगुआ से एक नाव पर यूएस वर्जिन द्वीप समूह में सेंट थॉमस के लिए अपनी यात्रा शुरू की, लेकिन कुछ मुद्दों के कारण वे ग्वाडेलोप की ओर रवाना हुए और वहां पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।”
यह सामने आया है कि लापता लोगों में से एक के परिवार के एक सदस्य ने ग्वाडेलोप में एक वकील से काम लिया, जिसने मामले को आगे बढ़ाया।
परिवार के कुछ सदस्यों ने गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) के वरिष्ठ वकील यतिन ओझा से भी संपर्क किया, जिन्होंने ग्वाडेलोप में एक वकील के साथ बातचीत शुरू की। ओझा को उन्होंने बताया, “नौ लापता व्यक्ति ग्वाडेलोप अधिकारियों की हिरासत में थे, वहां से उन्हें रिहा करने की जरूरत है।”
लापता व्यक्तियों में से एक के रिश्तेदार ने दावा किया कि गिरफ्तार किए गए दिव्येश पटेल ने उन्हें ग्वाडेलोप में नौ लोगों के बारे में जानकारी दी थी।
भरत की पत्नी चेतना रबारी ने कहा, “चूंकि हमने किसी विदेशी अधिकारी से कुछ नहीं सुना, इसलिए हम किसी पर भरोसा नहीं कर सके।”
चेतना ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके पति और आठ अन्य लोग डोमिनिका और मार्टीनिक जाने के बाद से लापता हैं।
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