प्रौद्योगिकी प्रमुख टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services) में कथित तौर पर ‘नौकरियों के बदले रिश्वत’ घोटाले का मामला सामने आया है। जिसमें हजारों कर्मियों को नियुक्त करने के लिए जिम्मेदार कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने कथित तौर पर स्टाफिंग फर्मों से रिश्वत ली थी।
टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्य परिचालन अधिकारी को लिखे पत्र में एक व्हिसलब्लोअर ने आरोप लगाया था कि टीसीएस के संसाधन प्रबंधन समूह के वैश्विक प्रमुख ईएस चक्रवर्ती ने वर्षों तक स्टाफिंग फर्मों से कमीशन लिया।
इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, टीसीएस (TCS) ने आरोपों की जांच के लिए मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी अजीत मेनन सहित तीन अधिकारियों का एक पैनल गठित किया।
हफ्तों की जांच के बाद, टीसीएस (TCS) ने चक्रवर्ती को छुट्टी पर भेज दिया, भर्ती समूह के चार अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया और तीन स्टाफिंग फर्मों को ब्लैकलिस्ट कर दिया। कंपनी ने अभी तक अनियमितताओं के पैमाने का खुलासा नहीं किया है। लेकिन ऊपर उल्लिखित दो अधिकारियों में से एक ने कहा कि घोटाले में शामिल लोगों ने कथित तौर पर कमीशन के माध्यम से कम से कम 100 करोड़ रुपये कमाए। आपको बता दें कि, आमतौर पर, टीसीएस जैसी कंपनियां रेफरल प्रोग्राम और स्टाफिंग फर्मों के माध्यम से कर्मचारियों को नियुक्त करती हैं। ये कंपनियाँ अस्थायी श्रमिकों या ठेकेदारों को नियुक्त करती हैं।
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