राजस्थान में स्थित एक व्यापार निकाय, अखिल राज्य व्यापार और उद्योग संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से राज्य में 50 नए कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टर (agro-processing clusters) स्थापित करने की अपील की है। एसोसिएशन कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के महत्वपूर्ण योगदान पर जोर देता है, जो राजस्थान के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 25 प्रतिशत है।
एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियाणी का मानना है कि इन खाद्य प्रसंस्करण समूहों (food processing clusters) की स्थापना से न केवल उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्यात की सुविधा मिलेगी बल्कि स्थानीय बाजार की मांगों को भी पूरा किया जा सकेगा।
बियाणी बताते हैं कि इस पहल से किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर कीमत सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। सरकार समर्थित कृषि उत्पादों को इन इकाइयों में प्रवाहित करने से सरकार पर भार भी कम होगा।
राजस्थान ने पहले ही कृषि-प्रसंस्करण, कृषि-व्यवसाय और कृषि-निर्यात प्रोत्साहन नीति लागू कर दी है। यह नीति पूंजी सब्सिडी, साधारण और जैविक उत्पादों के निर्यात के लिए माल ढुलाई सब्सिडी, साथ ही कृषि प्रसंस्करण इकाइयों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए ब्याज सब्सिडी सहित विभिन्न प्रोत्साहन और रियायतें प्रदान करती है।
इसके अतिरिक्त, कृषि-प्रसंस्करण, कृषि-व्यवसाय और कृषि-निर्यात इकाइयां छूट और सब्सिडी सहित सामान्य वित्तीय प्रोत्साहनों के पैकेज के लिए पात्र हैं। आंकड़े बताते हैं कि विभिन्न फसलों के उत्पादन में राजस्थान का महत्वपूर्ण योगदान है।
राज्य देश के कुल बाजरा उत्पादन का 42 प्रतिशत, सरसों का 45 प्रतिशत, तिलहन का 22 प्रतिशत, तिल का 17 प्रतिशत, मूंगफली का 19 प्रतिशत, चना का 20 प्रतिशत, जवार का 13 प्रतिशत और ग्वार का 85 प्रतिशत उत्पादन करता है। ये आंकड़े राज्य की कृषि क्षमता और विकास की संभावनाओं को उजागर करते हैं।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में, राजस्थान ने प्रमुख क्षेत्रों में पर्याप्त उत्पादन दर्ज किया। राज्य ने 956,000 टन फल, 2.37 मिलियन टन सब्जियां, 1.04 मिलियन टन मसाले, 25.4 मिलियन टन खाद्यान्न और दालें, और 10 मिलियन टन तिलहन का उत्पादन किया।
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