ओपीडी में तेजी से बढ़ रहे डेंगू और चिकनपॉक्स के वायरल संक्रमण के मरीज चौथी मंजिल पर यूनिट सी में 13 बिस्तर हैं जो धूल खा रहे हैं वर्तमान में सयाजी अस्पताल में डेंगू और चिकनपॉक्स सहित मौसमी बीमारियों के 200 से अधिक रोगियों का इलाज किया जा रहा है।
शहर का सयाजी अस्पताल वायरल संक्रमण के साथ-साथ डेंगू और चिकनपॉक्स के बुखार के रोगियों की बढ़ती संख्या के साथ उभर रहा है। दैनिक ओपीडी लगभग दोगुनी हो गई है। चिकित्सा विभाग में फिलहाल 200 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है। ट्रॉमा सेंटर की चौथी, पांचवीं और छठी मंजिल पर कुल 285 बेड में से 62 बेड खाली हैं लेकिन 37 मरीजों का इलाज नीचे लेटा कर किया जा रहा है। वहीं, चौथी मंजिल पर यूनिट सी के पास 13 बेड धूल खा रहे हैं। जिन मरीजों को इसकी आदत नहीं है उन्हें परेशानी हो रही है। महामारी के बीच मरीजों की बढ़ती संख्या के बावजूद अस्पताल प्रशासन योजना बनाने में विफल हो रहा है।
कोरोना के मामलों में गिरावट के साथ कई दिनों से सयाजी अस्पताल अब मौसमी बीमारियों के बढ़ते ज्वार से जलजनित और मच्छर जनित महामारियों से जूझ रहा है। ओपीडी में मरीजों की लंबी कतार देखी गई। काफी देर बाद चेकअप के लिए मरीज की बारी आती है ओपीडी में दवाई विभाग का भी कुछ ऐसा ही हाल था जहां 35 डेंगू और 12 चिकनगुनिया के मरीज इस समय उपचाराधीन हैं। जबकि बुखार समेत मौसमी बीमारी के 150 से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है।
हालांकि ट्रॉमा सेंटर की चौथी, पांचवीं और छठी मंजिल पर कुल 285 बेड में से 62 बेड खाली हैं, लेकिन 37 मरीजों का इलाज नीचे लेटा कर किया जा रहा है। दूसरी तरफ भर्ती मरीजों को छोड़कर यूनिट में बेड खाली पाए गए। डॉक्टर से इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वार्ड को आंतरिक व्यवस्था का अंग माना जा रहा है। एक तरफ बीमार मरीज फर्श पर सो कर इलाज करा रहे हैं। तो इसी विभाग की चौथी मंजिल पर यूनिट सी के पास 13 बेड धूल खा रहे थे।