देश में जंहा गाय को गौ माता कहने की मुहीम शुरू हुई है वंही दूसरी ओर गुजरात में इसकी घटती संख्या चिंता का विषय बन गयी है। गौरतलब है की गुजरात में गौसेवा और गौचर विकास बोर्ड होने के बावजूद यंहा पिछले 7 सालो में गयो की संख्या आस्चर्यचकितरूप से कम हो गयी है ।
राज्य पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार गुजरात में 2012 में गाय की संख्या करीबन 1 करोड़ के आसपास थी जबकि 2019 में यह संख्या घट कर 96.34 लाख हो गयी है ।मतलब 3.5 लाख गाय की कमी हुई और इस संख्या का घटने के कई कारण है जिसमें से एक कारण कसाईखाने है ।दूसरी और पशुपालक दूध की आय बढ़ने के लिए गाय से ज्यादा भैंस पर ज्यादा निर्भर है ।
पशुपालन विभाग के उच्च अधिकारी ने बताया की गुजरात में गाय की संख्या के मुकाबले भेंसो की संख्या ज्यादा है । सात वर्ष में भैंस की संख्या 1.05 करोड़ हो गयी है इन सात सालो में भैंस की संख्या 1 1.57 लाख जितनी बढ़ गयी है । गाय आधारित पशुपालन के कई प्रोत्साहन सरकार द्वारा लाये गए है लेकिन इसका लाभ पशुपालक लेते नहीं है । देश में 2012 में गाय की संख्या 19 .09 करोड़ थी जबकि 2019 में यह बढ़ कर १९.२४ करोड़ हो गयी है केटल पॉपुलेशन के टॉप 10 राज्यों में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश , मध्यप्रदेश , बिहार और महारष्ट्र पहले पांच राज्यों में आते है । देश के दूसरे पांच राज्यों में राजस्थान, झारखंड ,आसाम , छत्तीसगढ़ और उड़ीसा का समावेश होता है । दूसरी ओर भैंस की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है 2012 में 10.87 करोड़ की तुलना में 2019 में यह संख्या 10.98 हो गयी है ।जंहा भैंस की संख्या बढ़ी है वह राज्य है उत्तर प्रदेश राजस्थान गुजरात मध्य प्रदेश और बिहार का समावेश होता है