राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने बुधवार को अधिकारियों को स्थायी पेयजल स्रोत (water sources) विकसित करने के निर्देश दिए ताकि भविष्य में कोई संकट न हो।
गहलोत ने यहां अपने आवास पर जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सुलभ पेयजल की उपलब्धता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थितियों और बिखरी बस्तियों के बावजूद राज्य सरकार जल जीवन मिशन के कार्यों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, “राज्य सरकार पेयजल समस्या के समाधान के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।”
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य में अवैध कनेक्शन, बूस्टर के उपयोग और जल आपूर्ति लाइनों को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने कहा कि मिशन के तहत दैनिक जल कनेक्शन (daily water connections) प्रदान करने में राजस्थान देश में तीसरे स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि फरवरी में राज्य में औसतन प्रतिदिन 7,142 कनेक्शन दिए गए और मार्च में यह आंकड़ा बढ़ाकर 8,000 करने का लक्ष्य रखा गया है।
पीएचई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार को पांच प्रमुख परियोजनाओं की स्वीकृति के लिए पत्र भेजा गया है।
इन परियोजनाओं के स्वीकृत और पूर्ण होने के बाद अलवर, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, धौलपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, उदयपुर, सीकर और झुंझुनू के 5,739 गांवों को पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महेश जोशी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया, अपर मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, जल जीवन मिशन के प्रबंध निदेशक अविचल चतुर्वेदी सहित वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
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