गुजरात विधानसभा के इतिहास में पहली बार विधानसभा परिसर में होली खेली गयी । जिसमे मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और विधायक एक दूसरे के साथ होली खेलते नजर आये। लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे प्रजा के पैसे का दुरुपयोग और किसानों की उपेक्षा बताते हुए खुद को इस आयोजन से अलग रखा।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल , गृह मंत्री हर्ष संघवी ,पर्यावरण मंत्री मुकेश पटेल ,पूर्व मंत्री और विधायक जीतू वाघणी ,हार्दिक पटेल पूरी तरह से होली रंगों में रंग गए।
कांग्रेस और आप के विधायकों ने रंगोत्सव के कार्यक्रम से जहां दूर बनाई तो वहीं कांग्रेस के नेता अमित चावड़ा ने इस आयोजन को लोगों के रुपयों की बर्बादी करार दिया है। चावड़ा ने कहा कि किसानों की हालात दयनीय है।
वे 50 पैसे से दो रुपये प्रति किलो के भाव में अपनी प्याज, लहसुन और आलू की फसल बेचने को मजबूर हैं। सरकार ने जो सहायता दी है। वह नाकाफी है। वह 1 रुपये-दो रुपये प्रति किलो ही है। सरकार को जब किसानों की चिंता करनी चाहिए थी तब सरकार उत्सवों में व्यस्त है। चावड़ा ने कहा लोगों के टैक्स के रुपयों की बर्बादी हो रही है।
तमाशेबाजी में खर्च किया जा रहा है। चावड़ा ने कहा कांग्रेस की मांग है कि जनता का एक-एक पैसा जनता के लिए खर्च होना चाहिए। इसीलिए कांग्रेस ने इस आयोजन में शामिल नहीं होने का फैसला किया। चावड़ा ने कहा कि किसान आज राे रहे हैं। वे दु:ख में हैं।
रंगोत्सव समारोह के लिए 100 किलो पलाश के फूल मंगवाए गए थे । विधायक केसुड़ा के रंग में रंगकर परिसर में धूल पर्व मनाया ।
कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा द्वारा रंगोत्सव के कार्यक्रम को तमाशा और टैक्स दाताओं के रुपयों की बर्बादी करार देने पर बीजेपी ने जोरदार पलटवार किया है। बीजेपी के नेता जीतु वाघाणी ने चावड़ा के बयान पर कहा कि सरकार ने करोड़ों रुपयों का पैकेज दिया है। किसानों के लिए सहायता का ऐलान किया है।
कांग्रेस को नकारात्मकता छोड़नी चाहिए। वाघाणी ने कहा कि कांग्रेस तो अपने समय पर किसानों को टुकड़े फेंकती थी। गुजरात विधानसभा के इतिहास में पहली बार होली खेलने का कार्यक्रम रखा गया था।
इस कार्यक्रम का आयोजन विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी की स्वीकृति के बाद सचिवालय की तरफ से किया गया था। इसमें सत्तापक्ष के विधायकों के साथ कैबिनेट के तमाम मंत्री और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल भी पहुंच थे।