अहमदाबाद: भारतीय छात्र जल्द ही GIFT सिटी में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) से विदेशी मुद्रा-में एजुकेशन लोन का लाभ उठा सकते हैं। IFSC प्राधिकरण ने एजुकेशन लोन कंपनी- अवांसे- को संचालन शुरू करने और डॉलर में एजुकेशन लोन देने की अनुमति दी है।
IFSCA के अधिकारियों ने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि रुपये को डॉलर में बदलने के कारण छात्रों को अतिरिक्त पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा। उनका यह भी कहना है कि डॉलर में लोन आसान ब्याज दरों पर उपलब्ध होगा।
IFSCA के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (डेवलपमेंट) दीपेश शाह ने कहा, “वर्तमान में छात्रों को विदेशी विश्वविद्यालयों में फीस का भुगतान करने के लिए रुपये को परिवर्तित करना होगा। लोन चूंकि डॉलर में होगा, तो इससे रुपये को डॉलर में बदलने का खर्च बचेगा। साथ ही, यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों (competitive interest rates) पर होगा। IFSCA के पास ऐसे और भी होंगे। भविष्य में कंपनियां और अधिक भारतीय छात्रों को डॉलर लोन देने में मदद करेंगी।”
सूत्रों ने कहा कि कंपनी जल्द ही अमेरिकी डॉलर में लोन की पेशकश शुरू करेगी। अंत में अन्य देशों की मुद्राओं को जोड़ा जाएगा। वर्तमान में अन्य देशों में स्थित वित्तीय कंपनियां अपने देशों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को विदेशी मुद्रा में लोन देती हैं।
अवांसे फाइनेंशियल सर्विसेज के एमडी अमित गैंडा ने कहा, “हम गिफ्ट सिटी में एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी- अवांसे ग्लोबल फाइनेंस IFSC प्राइवेट लिमिटेड लॉन्च करेंगे। हम विदेश में अध्ययन करने के इच्छुक भारतीय छात्रों को विदेशी मुद्रा में ही एजुकेशन लोन देंगे।”
हालांकि एक वर्ग का मानना है कि रुपए में लोन ज्यादा फायदेमंद होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, छात्रों को डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने की संभावना पर विचार करना चाहिए, जिससे लोन चुकाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। स्टूडेंट वीजा कंसल्टिंग फर्म के एमडी जनक नायक ने कहा, ‘स्टूडेंट्स रुपये में लोन लेकर कन्वर्जन फीस चुकाते हैं। हालांकि, अगर स्टूडेंट ने डॉलर लोन लिया है, तो रीपेमेंट के वक्त उसे ज्यादा फीस चुकानी होगी। उस अवधि के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट के बावजूद।”
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