भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सावली विधायक केतन इनामदार ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि “जो वास्तव में गरीब हैं,” उन्हें सरकारी योजनाओं से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी के लाभार्थियों की सूची में संशोधन की भी मांग की है।
राज्य सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए विधायक ने कहा, “बीपीएल स्कोर सर्वेक्षण के बाद जारी लाभार्थियों की सूची में शामिल अधिकतर लोगों को बीपीएल लाभ की आवश्यकता नहीं है। इसके कारण कई वास्तविक जरूरतमंद इस सर्वेक्षण से छूट गए हैं।” इनामदार ने कई ऐसे उदाहरणों का भी हवाला दिया है, जिन्हें “बेहतर जीवन स्तर” होने के बावजूद प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत लाभ मिला।
उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि कई बीपीएल श्रेणी के लाभार्थी “वास्तव में जरूरतमंद व्यक्ति” नहीं थे। इसलिए उन्होंने इस सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करते हुए “गरीबों में भी सबसे गरीब” को शामिल करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को दरअसल बीपीएल परिवारों की पुरानी सूची से चुन लिया गया है। उन्होंने कहा, “जैसा कि मैं समझता हूं, पुरानी बीपीएल सूची में से जिनके पास घर नहीं है या जो अस्थायी घरों में रहते हैं, केवल उन्हें ही प्राथमिकता के आधार पर पीएमएवाई सूची में शामिल किया जाना चाहिए। लेकिन तथ्य यह है कि जो लोग पहले बीपीएल सूची में शामिल थे, उनके जीवन स्तर अब अलग हो गए हैं।”
गौरतलब है कि बीजेपी के टिकट से वंचित होने के बाद 2012 में सावली से पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीतने वाले इनामदार ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में उपेक्षित विकास कार्यों पर निराशा जताते हुए पार्टी से पहले इस्तीफा दे दिया था। फिर 2017 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की।