प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को अजमेर शरीफ दरगाह (Ajmer Sharif Dargah) में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (Khwaja Moinuddin Chishti) के 811वें उर्स पर चादर चढ़ाई।
ट्विटर पर, प्रधान मंत्री मोदी (Prime Minister Modi) ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Union Minister Smriti Irani) और भाजपा अल्पसंख्यक विंग के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी (Minority Wing President Jamal Sidiqque) के साथ “चादर” चढ़ाते हुए अपनी एक तस्वीर पोस्ट की। उन्होंने कहा, “अजमेर शरीफ दरगाह में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर चादर चढ़ाई।”
भीलवाड़ा परिवार के फखरुद्दीन गोरी ने 19 जनवरी को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 811वें वार्षिक उर्स की शुरुआत को चिह्नित करते हुए अजमेर, राजस्थान में ख्वाजा की समाधि पर झंडा फहराया। उर्स की नमाज (Urs’ prayers) के बाद तीर्थयात्रियों ने पूरे शहर में एक बड़ा जुलूस निकाला।
धार्मिक गतिविधियों की शुरुआत 23 जनवरी को इस्लामिक कैलेंडर (Islamic calendar) के सातवें महीने रज्जब में नया चाँद देखने के साथ हुई। लोग ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, छठी शताब्दी के एक प्रसिद्ध सूफी संत, जो एक इस्लामी उपदेशक, धर्म के विद्वान, दार्शनिक और रहस्यवादी थे, के प्रति श्रद्धा रखते थे। उन्हें “ग़रीब नवाज़” (गरीबों का संरक्षक) के नाम से भी जाना जाता है।
13 वीं शताब्दी की शुरुआत में भारत में सुन्नी रहस्यवाद के प्रसिद्ध चिश्तिया आदेश (Chishtiyya order) की स्थापना करने वाले ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्त का जन्म 1143 में सिस्तान (आधुनिक पूर्वी ईरान) में हुआ था। दरगाह में देश और विदेशों से हजारों तीर्थयात्री आते हैं।
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