गुजरात में माल और सेवा कर (GST) का कुल कलेक्शन 2022 में 1.1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो 2021 के मुकाबले 17% अधिक है। यह पहली बार है, जब जीएसटी कलेक्शन ने राज्य में 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2022 में राज्य का जीएसटी संग्रह 9,238 करोड़ रुपये था, जो 2021 के मुकाबले 26% अधिक है।
जानकार कलेक्शन में इस वृद्धि का श्रेय महंगाई के अलावा बेहतर आर्थिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को देते हैं। उद्योग के एक सूत्र ने कहा, “कोविड-19 के बाद के प्रभावों से कारोबार में अच्छी रिकवरी देखी गई। भले ही कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट ने जनवरी में संक्रमण में तेजी ला दी, लेकिन औद्योगिक उत्पादन (industrial outp) या समग्र खपत (overall consumption) बंद नहीं हुई।”
इसके अलावा, कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दरों में बदलाव और खपत में समग्र सुधार से भी जीएसटी कलेक्शन में वृद्धि हुई है। सूत्र ने कहा, “विशेष रूप से पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्रों (hospitality sectors) में रिकवरी अधिक देखी गई, जो कोविड-19 के प्रकोप के बाद से सबसे बुरी तरह प्रभावित उद्योगों में से थे।” वास्तव में, अप्रैल 2022 में गुजरात ने 11,264 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह देखा था। वर्ष के अधिकांश भाग में कुल कलेक्शन 9,000 करोड़ रुपये से ऊपर रहा है।
एक दूसरे सूत्र ने कहा, “कच्चे माल के साथ-साथ तैयार उत्पादों की कीमतों में भी इस दौरान देखी गई। उदाहरण के लिए, कपास की कीमतें 1.10 लाख रुपये प्रति कैंडी के सर्वकालिक उच्च स्तर (all-time high) को छू गईं और सोना हाल ही में रिकॉर्ड-उच्च कीमत की ओर बढ़ रहा है, जो 56,000 रुपये से अधिक है।” उन्होंने कहा, “ऑटोमोबाइल उद्योग ने भी उच्च वृद्धि दर्ज की। साथ ही कपड़ा और एफएमसीजी क्षेत्रों में भी कई उत्पादों की कीमतों में वृद्धि देखी गई। इसका कलेक्शन पर प्रभाव पड़ना ही था।”
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