अहमदाबादः अहमदाबाद नगर निगम (AMC) इस्तेमाल के बाद छोड़ी गई 85 टन सुपारी को खाद में बदलने के लिए एक प्रोजेक्ट शुरू किया है।
पायलट फेज पिराना लैंडफिल में शुरू किया गया है। एएमसी के ठोस कचरा (solid waste) विभाग ने डंपिंग साइट पर गड्ढे खोदे हैं और लगभग 85 टन सुपारी गाड़ दी है। जमीन को फिर से गोमूत्र से भर दिया गया था, जिसे पानी देने वाले एजेंट के रूप में इस्तेमाल किया गया था। ताकि ढीली धूल को गाढ़ा कर मजबूत किया जा सके।
वास्तव में इस नई सोच को एएमसी के अधिकारियों द्वारा पर्यावरण को लेकर चिंताओं ने जन्म दिया। एएमसी के एक अधिकारी ने कहा, “एक व्यापारी ने हमसे यह कहते हुए संपर्क किया कि वह पिराना में 85 टन सुपारी को फेंकना चाहता है। फसल सड़ चुकी थी और बिक नहीं पा रही थी। हमने अपने उद्यान विभाग के विशेषज्ञों से बात की। हमें बताया गया कि सुपारी को जैविक (organic) खाद के रूप में तैयार करना चाहिए।” एएमसी ने बिना समय गंवाए उस पुरानी सुपारी को दफना दिया। उन्होंने कहा, “गड्ढों पर गोमूत्र नियमित रूप से छिड़का जाता है, ताकि प्रक्रिया सूख न जाए।”
जैविक खाद 120 दिनों में तैयार हो जाएगी और सार्वजनिक उद्यानों में खाद के रूप में इस्तेमाल की जाएगी।
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