राज्यपाल को केरल कलामंडलम के चांसलर के पद से हटाने के करीब एक महीने बाद राज्य सरकार ने नृत्यांगना (danseuse) और सामाजिक कार्यकर्ता मल्लिका साराभाई को इस पद पर नियुक्त कर दिया है। सांस्कृतिक मामलों के विभाग ने मंगलवार देर शाम उन्हें डीम्ड यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट एंड कल्चर का चांसलर नियुक्त करने का आदेश जारी किया।
कम उम्र में ही डांस को करियर बना लेनी वाली साराभाई पीटर ब्रूक्स के मशहूर नाटक द महाभारत में द्रौपदी की भूमिका निभाकर सुर्खियों में आईं। इससे उनके लिए 1970 और 80 के दशक के समानांतर सिनेमा (parallel cinema) में उनके प्रवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ। निपुण कुचिपुड़ी और भरतनाट्यम में माहिर मल्लिका साराभाई अहमदाबाद में दर्पण अकादमी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स चलाती हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में वह सांप्रदायिकता और उत्पीड़न (communalism and oppression) के खिलाफ आवाज उठाने में सबसे आगे रही हैं।
केरल सरकार ने 10 नवंबर को कलामंडलम यूनिवर्सिटी के नियमों में संशोधन करते हुए अपनी पसंद के कला और संस्कृति के क्षेत्र से किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को चांसलर बनाने का आदेश जारी किया था। सरकार ने नियमों में सुधार करते हुए चांसलर की नियुक्ति का अधिकार राज्यपाल के बजाय अपने पास ले लिया था। सरकार ने राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर की नियुक्ति को लेकर भी यही फैसला किया। इस तरह
आदेश ने संस्थान की शासन प्रणाली (governance system) और प्रबंधन संरचना (management structure) को पूरी तरह से सरकारी नियंत्रण में ला दिया।
सरकारी आदेश के मुताबिक, चांसलर का कार्यकाल पदभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष तक होगा। एक बार नियुक्त व्यक्ति दोबारा भी चांसलर बन सकेगा। जहां अन्य यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के लिए कोई आयु सीमा तय नहीं है, वहीं सरकार ने निर्णय लिया है कि कोई भी व्यक्ति 75 वर्ष की उम्र के बाद कलामंडलम में चांसलर के पद पर नहीं रहेगा।
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