प्रफुल्ल पटेल के बाहर होने से लेकर अंडर-17 महिला विश्व कप के अधिकार खोने तक की घटनाओं की टाइमलाइन
विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा (FIFA) ने तीसरे पक्ष की गैरजरूरी दखल को देखते हुए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही भारत में 11 से 30 अक्टूबर तक होने वाले फीफा अंडर 17 महिला विश्व कप की मेजबानी भी खतरे में पड़ गई है। फीफा ने कहा है कि निलंबन तुरंत प्रभाव से लागू होगा ।
फीफा ने बयान जारी कर कहा कहा,‘‘ निलंबन तभी हटेगा, जब एआईएफएफ कार्यकारी समिति की जगह प्रशासकों की समिति के गठन का फैसला वापस लिया जाएगा। साथ ही एआईएफएफ प्रशासन को महासंघ के रोजमर्रा के काम का पूरा नियंत्रण दे दिया जाएगा।’’ फीफा ने कहा ,‘ इसका मतलतब है कि अंडर-17 महिला विश्व कप पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारत में नहीं हो सकता।’’ उसने कहा,‘‘ फीफा भारत के खेल मंत्रालय से लगातार संपर्क में है और सकारात्मक नतीजे तक पहुंचने की उम्मीद है ।’’
विवाद और उन घटनाओं पर एक नजर, जिनके कारण प्रतिबंध लगाः
18 मई 2022
सुप्रीम कोर्ट प्रफुल्ल पटेल और उनकी कार्यकारी समिति को उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त करता है और एआईएफएफ के कामकाज की निगरानी के लिए प्रशासकों की एक समिति (सीओए) को नियुक्ति कर देता है – जो उसी निकाय के लिए संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए भी जिम्मेदार है।
पटेल ने दिसंबर 2020 में एआईएफएफ अध्यक्ष के रूप में अपने तीन कार्यकाल और 12 साल पूरे किए थे, जो खेल संहिता के तहत एक राष्ट्रीय खेल महासंघ के प्रमुख को अधिकतम अनुमति थी। लेकिन इसके संविधान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले के कारण चुनाव नहीं हो सके।
29 मई 2022
सीओए के सदस्य डॉ एसवाई कुरैशी का कहना है कि एआईएफएफ का नया संविधान सितंबर के अंत तक लागू हो जाएगा।
11 जून 2022
सीओए और कुछ संबद्ध इकाइयों के सदस्य राष्ट्रीय खेल संहिता, फीफा और एएफसी कानून का पालन करते हुए एक संशोधित संविधान के तहत एआईएफएफ के चुनाव जल्द से जल्द कराने पर चर्चा करने के लिए मिलते हैं।
21 जून 2022
दौरे पर आई फीफा-एएफसी टीम और सीओए के बीच पहले दौर की बातचीत अच्छी रही।
इसमें एआईएफएफ के विभिन्न विभागों के दिन-प्रतिदिन के मामलों की देखरेख के लिए 12 सदस्यीय सलाहकार समिति नियुक्ति की जाती है। सलाहकार समिति सीओए के सभी सदस्यों को उनकी जानकारी और जरूरत पड़ने पर मंजूरी के लिए नियमित रिपोर्ट भेजेगी।
23 जून 2022
तीन दिनों की बैठकों के बाद फीफा 31 जुलाई तक नए संविधान को पूरा करने और सितंबर के अंत तक चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने का आश्वासन देता है।
6 जुलाई 2022
सीओए संविधान के मसौदे के विभिन्न पहलुओं और सुझावों पर चर्चा करने के लिए एआईएफएफ के राज्य संघों का प्रतिनिधित्व करने वाली सात सदस्यीय समिति से मिलता है।
16 जुलाई 2022
सीओए द्वारा तैयार एआईएफएफ का अंतिम मसौदा संविधान, इसकी मंजूरी के लिए सर्वोच्च न्यायालय को प्रस्तुत किया जाता है।
18 जुलाई 2022
एआईएफएफ की राज्य इकाइयां संविधान के अंतिम मसौदे में कई प्रावधानों से नाखुशी व्यक्त करती हैं। फिर भी, वे कहती हैं कि वे फीफा प्रतिबंध से बचने के लिए “बीच का रास्ता खोजने” के लिए तैयार हैं।
सात सदस्यीय पैनल द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए राज्य संघों ने फीफा को लिखा था कि सीओए द्वारा तैयार अंतिम मसौदा संविधान के कई भाग भेदभावपूर्ण और अतार्किक थे।
21 जुलाई 2022
सुप्रीम कोर्ट प्रस्तावित संविधान में मतभेदों पर एआईएफएफ और राज्य संघों के लिए सीओए की याचिका पर सुनवाई करता है और सभी पक्षों को 25 जुलाई तक आपत्ति दर्ज करने का निर्देश देता है।
यह संविधान के मसौदे पर चर्चा करने और राष्ट्रीय फुटबॉल निकाय के चुनाव का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उसी दिन इसकी पुष्टि करने के लिए अगली सुनवाई की तारीख 28 जुलाई निर्धारित करता है।
26 जुलाई 2022
फीफा ने एआईएफएफ को सिफारिश की है कि सीओए द्वारा संविधान के मसौदे में निर्धारित 50 प्रतिशत के बजाय सह-चयनित सदस्यों के रूप में अपनी कार्यकारी समिति में 25 प्रतिशत प्रख्यात खिलाड़ी प्रतिनिधित्व करें।
28 जुलाई 2022
सुप्रीम कोर्ट ने महिला अंडर -17 विश्व कप की मेजबानी को प्राथमिकता के रूप में रखते हुए एआईएफएफ चुनावों पर सुनवाई 3 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है।
मामले के मौजूदा न्यायाधीशों में से एक न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि हालांकि अदालत पूरी समिति को अंतिम रूप नहीं दे पाएगी, लेकिन वह चुनाव के लिए निर्देश जारी कर सकती है।
3 अगस्त 2022
अक्टूबर 2022 में भारत में खेले जाने वाले महिला अंडर -17 विश्व कप के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एआईएफएफ को अपनी कार्यकारी समिति के लिए चुनाव जल्द से जल्द और अच्छी तरह से संपन्न कराने के लिए एक अंतरिम आदेश पारित किया।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ सीओए द्वारा तैयार किए गए 27 दिवसीय चुनाव कार्यक्रम के लिए सहमत हैं- जिसका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन करते हैं- जो एआईएफएफ के मामलों का प्रबंधन करता है।
कार्यक्रम के अनुसार, चुनाव परिणाम 28/29 अगस्त, 2022 को घोषित किए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य फुटबॉल संघों के 36 प्रतिनिधियों और 36 प्रख्यात पूर्व फुटबॉल खिलाड़ियों से बना एक इलेक्टोरल कॉलेज बनाकर एआईएफएफ की कार्यकारी समिति के चुनाव कराने का निर्देश दिया।
6 अगस्त 2022
फीफा ने तीसरे पक्ष के “दखल” को देखते हुए एआईएफएफ को निलंबित करने और अक्टूबर में महिला अंडर -17 विश्व कप की मेजबानी के अपने अधिकारों को छीनने की धमकी दी है।
7 अगस्त 2022
सीओए ने धमकी के बाद फीफा को आश्वस्त किया कि वह एआईएफएफ को व्यवस्थित करने के लिए निश्चित रहे, जबकि अपने अपदस्थ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को राष्ट्रीय निकाय के निलंबन के संदर्भ के लिए फटकार लगाई।
13 अगस्त 2022
एआईएफएफ के चुनाव से पहले अनुभवी प्रशासक सुब्रत दत्ता और लार्सिंग मिंग के नामांकन को चुनाव के रिटर्निंग अधिकारी उमेश सिन्हा ने खारिज कर दिया है।
ये दोनों पहले तीन बार एआईएफएफ कार्यकारी समिति में रहे हैं, जिससे वे राष्ट्रीय खेल संहिता के एक खंड के अनुसार, अगले चार के लिए किसी भी पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गए हैं।
15 अगस्त 2022
फीफा भारतीय खेल मंत्रालय को सूचित करता है कि वह आगामी अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के चुनावों के लिए निर्वाचक मंडल में व्यक्तिगत सदस्यों को शामिल करने के विरोध पर अटल है।
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