- नेता प्रतिपक्ष सुखराम राठवा ने कहा आदिवासियों को बदनाम करने के लिए भाजपा में जाने वाले विधायकों ने किया है क्रॉस वोट
- 2 आदिवासी 2 पटेल 3 ओबीसी विधायकों पर क्रॉस वोट की शंका
182 सदस्यों वाली गुजरात विधानसभा में भाजपा के 111 कांग्रेस के 63 ,भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 एनसीपी के 1 और निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी जो कांग्रेस के कार्यकारी प्रमुख भी है मिलाकर 178 मौजूदा सदस्य हैं , 4 सीट विभिन्न कारणों से रिक्त हैं। राष्ट्रपति चुनाव में 63 कांग्रेस विधायकों और निर्दलीय जिग्नेश मेवाणी के साथ गुजरात से राष्ट्रपति के विपक्षी प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को कम से कम 64 मिलना चाहिए , लेकिन मिले महज 57 वोट।
हालांकि एनसीपी ने भी सिन्हा को समर्थन घोषित किया था लेकिन गुजरात से एनसीपी के एक मात्र विधायक कांधल जाडेजा की भाजपा से गलबहिया ज़ाहिर है ,
एनसीपी विधायक जाड़ेजा, यशवंत सिन्हा की मीटिंग में भी शामिल नहीं हुए थे।
गुरुवार को हुई मतगणना के बाद उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, मुर्मू को 121 वोट मिले, गुजरात विधानसभा में भाजपा के 111 विधायकों की संख्या से 10 अधिक है।
राकांपा के एकमात्र विधायक कांधल जडेजा ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि उन्होंने मुर्मू को वोट दिया है।
7 कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग के सवाल पर गुजरात विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुखराम राठवा ने वाइब्स ऑफ इंडिया से कहा कि गुजरात में कांग्रेस के
आदिवासी विधायकों को बदनाम करने के लिए जिन विधायकों को भाजपा में जाना है उन्होंने क्रॉस वोट किया है।
कांग्रेस के 12 आदिवासी विधायकों में से किसी क्रॉस वोट नहीं किया है। राष्ट्रपति का चुनाव गोपनीय होता है , इसलिए राज्यसभा चुनाव की तरह व्हिप नहीं जारी कर सकते है। लेकिन हम पता कर रहे हैं कि क्रॉस वोट करने वाले कौन कौन है , पार्टी को इस मामले में अलग से रिपोर्ट देने का उन्होंने दावा किया।
क्या यह हार्दिक पटेल समर्थक विधायक है , जो हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे ? के जवाब में कांग्रेस विधायक दल के नेता सुखराम राठवा ने कहा कोई भी हो हम पता करके रहेंगे।
हालांकि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा की 8 विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की बात समय समय पर आती रहती , राष्ट्रपति चुनाव से यह साफ़ भी हो गया है की कुछ विधायक चुनाव के पहले भाजपा में शामिल होंगे।
क्रॉस वोट करने वाले में 2 आदिवासी विधायक बताये जा रहे हैं जिनमे एक दक्षिण गुजरात से और एक मध्य गुजरात का है , जबकि 2 पटेल विधायक हार्दिक पटेल के समर्थक है। 3 ओबीसी विधायक है जो सौराष्ट्र और मध्य गुजरात के है।
वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के समर्थक बताये जा रहे है जो निजी कारणों से विवाद में आने के बाद इन दिनों कुछ समय के लिए राजनीतिक सन्यास की भूमिका में है। राष्ट्रपति चुनाव से साफ़ हो गया है की गुजरात कांग्रेस नेतृत्व और प्रभारी डॉ रघु शर्मा कांग्रेस विधायकों और नेताओं को एकजुट रखने में विफल साबित हो रहे।
गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश के बावजूद उनसे संपर्क नहीं हो पाया , वही गुजरात के सह प्रभारी और एआईसीसी सचिव बीएन संदीप ने वाइब्स ऑफ इंडिया से कहा कि हम पता कर रहे है वह कौन हैं ? पार्टी इस मामले को गंभीरता से ले रही है .
वहीं, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो आदिवासी विधायक छोटूभाई वसावा और उनके बेटे महेश वसावा है। बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश वसावा ने वाइब्स ऑफ इंडिया से विशेष बातचीत में पहली बार कहा की हमने द्रौपदी मुर्मू को वोट किया है।
हम सांकेतिक तौर से आदिवासी खेस पहन कर गए थे। हमने आदिवासी हित और संविधान के लिए मुर्मू को वोट दिया। उन्होंने जोर देकर कहा की गुजरात में उनसे किसी ने वोट नहीं मांगे थे।
उनके मुताबिक राजस्थान के भी बीटीपी के दोनों विधायकों को भी मुर्मू को वोट देने के लिए कहा गया था।