अहमदाबाद जिले के ढोलका शहर के क्रमश: 12 और 13 साल के दो लड़कों ने खुद के अपहरण की साजिश रच डाली। सिर्फ इसलिए कि वे दो महीने के लिए दूसरे स्कूल में नहीं जाना चाहते थे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों, दूसरे शहर चले जाने की स्थिति में अपने स्कूली दोस्तों से बिछड़ना नहीं चाहते थे। ढोलका का 12 वर्षीय हर्षद और 13 वर्षीय किरण केंद्र सरकार द्वारा संचालित एक स्कूल में क्रमश: आठवीं और नौवीं के छात्र हैं। हाल ही में उनके स्कूल अधिकारियों ने उनके माता-पिता से कहा कि वे उन्हें राजस्थान के जयपुर में स्कूल की एक शाखा में भेज रहे हैं, ताकि वहां विभिन्न कौशल-आधारित कोर्स का लाभ उठा सकें।
ढोलका के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि दोनों लड़के इस बात से खुश नहीं थे और जयपुर के स्कूल नहीं जाना चाहते थे। ऐसे में वे कुछ योजना बनाने लगे, ताकि वे दूसरी जगह जाने से बच सकें। अधिकारी ने कहा कि वे 17 जुलाई की शाम करीब 6.30 बजे ढोलका में अपने घर के पास एक मंदिर गए थे। करीब दो घंटे बाद हर्षद ने अपने पिता को फोन किया। कहा कि उन्हें और किरण का कुछ अज्ञात लोगों ने अपहरण कर लिया है। उन्हें बावला शहर ले जाया गया है, जहां से वे भागने में सफल रहे। हर्षद के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि कुछ चार लोगों ने बच्चों की आंखों में मिर्च पाउडर छिड़का और उनका अपहरण करने की कोशिश की। ढोलका पुलिस ने जांच शुरू की। स्थानीय अपराध शाखा और विशेष अभियान समूह की एक टीम को भी जांच में लगाया गया।
ढोलका और बावला कस्बे के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, लेकिन अपहरणकर्ता नहीं मिले। अधिकारी ने कहा, “बच्चों ने अपने माता-पिता को बताया कि कुछ लोग एक ओमनी कार में आए और उनका अपहरण कर लिया। लेकिन हमें दो शहरों- ढोलका और बावला में कहीं भी ऐसी कोई कार नहीं मिली।” बाद में उनके माता-पिता ने अपने बच्चों की काउंसलिंग की और उनसे फिर पूछा कि क्या हुआ था। कई दौर की बातचीत के बाद उन बच्चों ने अपने माता-पिता से कहा कि उन्होंने अपने अपहरण की साजिश खुद रची थी, क्योंकि वे शिक्षा प्राप्त करने के लिए दो महीने के लिए भी दूसरे शहर नहीं जाना चाहते थे। उनके माता-पिता फिर से पुलिस के पास पहुंचे और पूरा मामला बताया। इसके बाद जांच बंद कर दी गई।