- 116.65 किलोमीटर लंबी तरंगा हिल-अंबाजी-अबुरोड नई रेल लाइन परियोजना को कैबिनेट की मंजूरी
- 2798 करोड़ होंगे खर्च , 2026 -2027 तक पूरा होगा काम
- लगभग 620.09 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जायेगा
बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुयी कैबिनेट की बैठक गुजरात के लिए खास रही। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए सबसे बड़े फैसलों में से एक अंबाजी के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने का निर्णय लिया गया है। अंबाजी को रेलवे नेटवर्क के साथ-साथ तरंगा -आबू -अंबाजी-आबू रोड को रेल लाइन से जोड़ा जाएगा।
नई रेल लाइन को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। कैबिनेट के इस फैसले से लगभग 10 लाख हिन्दू – जैन अनुनायियों और 5 लाख पर्यटकों की राह सुगम होने का दरवाजा खुल गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मेहसाणा-तरंगा रेलवे लाइन को अंबाजी से आबू रोड तक विस्तारित करने में रु. केंद्रीय रेल मंत्रालय ने 2,798 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात को रेलवे कनेक्टिविटी प्रदान करने और इसके विकास में तेजी लाने के लिए नई तरंगा हिल-अंबाजी-अबू रोड रेल लाइन को मंजूरी दी। परियोजना की अनुमानित लागत रु. 2798.16 करोड़ और 2026-27 तक पूरा हो जाएगा।
इससे पहले केंद्र सरकार ने 1,695.72 करोड़ रुपये की लागत से वरेथा रेलवे स्टेशन से अंबाजी होते हुए अबू रोड तक रेलवे लाइन का विस्तार करने की योजना बनाई थी। सांसद भरतसिंह डाभी ने लोकसभा में सवाल उठाया था क्योंकि मेहसाणा से तरंगा तक रेल लाइन टूट जाने के बाद आगे का काम शुरू नहीं हो सका था.
माउंट आबू जैन तीर्थस्थलों पर जाने वाले देश भर से तीर्थयात्री रेल द्वारा दर्शन कर सकेंगे साथ ही इस प्रसिद्ध तीर्थ स्थल अंबाजी मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को लाभ होगा।
माउंट आबू और तरंगा हिल में श्री अजीतनाथ जैन मंदिर के दर्शन करने वालों के साथ-साथ माउंट आबू में ब्रह्मकुमारी तीर्थ भी लाभान्वित होंगे। दर्शनार्थियों की मुश्किलों को दूर करने के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
अंबाजी देश का सबसे पुराना शक्ति पीठ , तरंगा हिल में श्री अजीतनाथ जैन मंदिर
आध्यात्मिक केंद्रों में से अंबाजी एक है और भारत का सबसे पुराना शक्ति पीठ है, जहां देश भर से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। यह प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माउंट आबू (24 पवित्र जैन तीर्थंकरों में से एक) में श्री अजीतनाथ जैन मंदिर और तरंगा हिल के तीर्थ स्थल के करीब भी है।
प्रस्तावित 116.65 किलोमीटर लंबी नई लाइन तरंगा हिल, अंबाजी और आबू रोड को रेल संपर्क प्रदान करेगी। वरेथा और आबू रोड के बीच 116.65 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन का कार्य शासन से आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद किया जाना है।
लगभग 620.09 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है
परियोजना की कुल अनुमानित लागत 2798.16 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के लिए लगभग 620.09 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है, जिसमें से 462.30 हेक्टेयर निजी भूमि है, 91.80 हेक्टेयर सरकारी भूमि है और शेष 65.99 हेक्टेयर वन भूमि है।
अंबा जी की धार्मिक के साथ सियासी अहमियत
गुजरात ही नहीं देश भर में शक्ति उपासको के लिए अंबा जी की अपनी अहमियत है लेकिन गुजरात में अंबा जी की सियासी अहमियत कम नहीं है , हर चुनाव के पहले नेताओं का एक पड़ाव अंबा जी में होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस कार्यकारी प्रमुख सोनिया गांधी तक अंबा जी की आराधना कर चुकी है।
विधानसभा चुनाव के पहले इस रेल लाइन की घोषणा का बड़ा फ़ायदा भाजपा को मिलना तय है। गुजरात भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा कैबिनेट का आभार जताया है।
गुजरात सीजीएसटी अभी भी FY’18 GST फाइलिंग की जांच के माध्यम से नहीं है, यहाँ पर जाने क्यों ?