बड़ोदरा कांग्रेस के पूर्व उप प्रमुख और इस वक्त बीजेपी में बड़े कार्यकर्ता के तौर पर शामिल चिंतन नामक एक युवक ने अपने साले समेत 6 लोगों को कनाडा का वर्क परमिट वीजा और ओएनजीसी में नौकरी दिलाने के बहाने 560000 से अधिक रुपयों की धोखेबाज़ी की. पैसे वापस करने के दबाव के कारण चिंतन ने केवल ₹40000 वापस किए. पैसे वापस करने के दबाव पर चिंतन ने कहा वह शहर का बड़ा कार्य करता है उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. सोशल मीडिया में अपनी बड़ी छवि बनाने का ढोंग करने वाला भाजप के कार्यकर्ता ने खुद के साले के साथ लाखों रुपयों की धोखेबाजी की है l किंतु यह पूरा मामला पुलिस स्टेशन तक पहुंचा है और इसी बीच आरोपी की गिरफ्तारी भी हुई है |
बड़ोदरा कांग्रेस के पूर्व उप प्रमुख और हाल में भारतीय जनता पार्टी के चतुर कार्यकर्ता ने अपने ही पत्नी के भाई के साथ कनाडा वर्क परमिट वीजा और ओएनजीसी जैसी कंपनी में नौकरी दिलाने के बहाने छोटे-छोटे किस्तों में इकट्ठा करके 5.60 लाख से भी ऊपर की रकम लूटी है | इसी बीच कार्यकर्ता की पत्नी ने लोगों के पैसे लौट आने का दबाव किया तो अपने राजकीय पद का खौफ दिखाकर शहर में उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता ऐसा कहकर जान से मारने की भी धमकी दी l इसी बीच यह पूरा मामला पुलिस स्टेशन जा पहुंचा जहां आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई और आखिरकार पुलिस द्वारा भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर की गिरफ्तारी भी हुई |
बड़ोदरा शहर के वाघोडिया रोड पर रिद्धि सोसाइटी में रहते विवेक वसावा बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग के चौथे सेमेस्टर में पढ़ाई करते हैं l विवेक ने कल अपने जीजा जी और वर्तमान भारतीय जनता पार्टी के उच्च कार्यकर्ता चिंतन उर्फ चेतन प्रभूदास भाई पटेल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है l शिकायत में साफ बताया गया है कि साल 2018 में चिंतन यानी कि चेतनअपने आप को बिल्डर बता कर विवेक की बहन फाल्गुनी के साथ शादी रची थी l
शादी के दिन चेतन का कोई भी रिश्तेदार मौजूद नहीं था इसकी वजह बताते हुए चेतन ने कहा कि उनके घर में किसी की मृत्यु होने की वजह से कोई आ नहीं पाएगा l शादी के तुरंत बाद खुद बीमार है ऐसा कहकर चिंतन अपनी पत्नी फाल्गुनी के साथ अपने ससुराल रुका और देखते देखते डेढ़ साल हो गया फिर भी चिंतन अपने ससुराल से खुद के घर नहीं गया l इसी बीच अपनी पत्नी फाल्गुनी के भाई विवेक जो कॉलेज के आखरी सेमेस्टर में पढ़ाई कर रहा था उसे कनाडा में पीआर और वर्क परमिट दिलाने के बहाने पैसे लूटने शुरू किए l 600000 ना होने के कारण विवेक ने पहले ₹200000 दिए जिसके बाद विवेक ने फिर से ₹300000 मांगे l समय-समय पर विवेक चिंतन से वीजा की मांग करता रहता था लेकिन ठीक से जवाब न मिलने पर विवेक निराश हो जाता l बहुत दिनों की विद के बाद चिंतन ने विवेक को फर्जी वर्क परमिट और वीजा की कॉपी भी लेकिन इस पर विवेक को तुरंत शक हुआ और उसने इसे जांच के लिए भेजा तो पता चला कि यह सरासर फर्जी हैं l चिंतन की धोखेबाजी सामने आई और पैसे वापस करने के लिए विवेक चिंतन पर दबाव करता गया जिस वजह से चिंतन ने केवल 40000 वापस दिए और कहा बाकी के फिर कभी देंगे l
अपने आप को बिल्डर बताने वाले चिंतन ने सभी को अपने स्कीम के पंपलेट भी दिए थे जिसकी भी जांच करवाने पर पता चला की ऐसी कोई स्कीम चल ही नहीं रही थी और उसमें भी चिंतन ने धोखेबाजी की है l
एक के बाद एक जब झूठ सामने आते गए तो चिंतन ने ओएनजीसी में नौकरी दिलाने के बहाने पैसे लेने शुरू किए और इसी बीच मैनेजर की फर्जी साइन वाले पब्लिक रिलेशन ऑफिसर की पोस्ट वाले नकली रिक्रूटमेंट आर्डर जारी किया जिसकी भी जांच करवाने पर पता चला कि ओएनजीसी ने ऐसा कोई आर्डर बाहर निकाला ही नहीं है l
विवेक ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि उसकी बहन जब अपने पति को पैसे लौटाने का दबाव करती थी तो उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता ऐसी धमकी देने वाला उसका पति चिंतन ने उसे जान से मार डालने की भी धमकी दी थी l