- महाराष्ट्र – हरियाणा में शिकायत के बाद मतगणना रुकी , कर्णाटक में भी क्रॉस वोटिंग
राज्यसभा चुनाव में राजस्थान की चार में से तीन सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की जबकि एक सीट पर भाजपा को जीत मिली। सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान में तीन राज्यसभा सीटों पर कांग्रेस की विजय लोकतंत्र की जीत है। उन्होंने प्रमोद तिवारी, मुकुल वासनिक और रणदीप सुरजेवाला को बधाई दी। वहीं, सुभाष चंद्रा को हार का सामना करना पड़ा।
बीजेपी ने क्रॉस वोटिंग करने वाली विधायक शोभारानी कुशवाहा को पार्टी से निलंबित कर दिया है। शोभारानी पर आरोप है कि उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार प्रमोद तिवारी को वोट दिया था।
हरियाणा में कार्तिकेय शर्मा और अजय माकन की शिकायत के बीच वोटों की गिनती रोक दी गई है
हरियाणा में कार्तिकेय शर्मा और अजय माकन की शिकायत के बीच वोटों की गिनती रोक दी गई है। वहीं, बीजेपी के डेलिगेशन ने चुनाव आयोग से महाराष्ट्र और हरियाणा में राज्यसभा चुनाव की वोटिंग रोकने की मांग की है।
कर्नाटक में जेडीएस नेता एचडी कुमारास्वामी ने कांग्रेस को भाजपा की बी टीम करार दिया है। जेडीएस के विधायकों के फूट के बाद कुमारास्वामी कांग्रेस पर भड़के दिखे। कई जेडीएस विधायकों ने पार्टी की लाइन से अलग कांग्रेस को वोट दिया है।
वहीं चंडीगढ़ में हरियाणा से निर्दलीय विधायक रणधीर गोलां ने कहा- कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस से खफा हैं। वह उन लोगों के लिए वोट नहीं करेंगे। एक और कांग्रेसी विधायक भी अपनी पार्टी को वोट नहीं देगा, पर मैं उसका नाम नहीं लूंगा। सभी छह निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को वोट दिया है।
जेडी-एस का खाता भी नहीं खुल सका है
कर्नाटक की चार राज्यसभा सीटों के परिणाम सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए उत्साह बढ़ाने वाले रहे हैं. पार्टी ने राज्य की चार सीटों में से तीन पर जीत दर्ज की है जबकि एक अन्य सीट कांग्रेस के खाते में गई है. पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा की जेडी-एस का खाता भी नहीं खुल सका है. बीजेपी के प्रत्याशी निर्मला सीतारमण, जगेश और सीटी रवि ने जहां जीत हासिल की है, वहीं कांग्रेस के खाते में आई एकमात्र सीट पर जयराम रमेश विजयी रहे हैं.
जेडीएस प्रमुख एचडी कुमारस्वामी ने बाद में इस बात की पुष्टि की थी कि पार्टी के 32 में से दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. गौरतलब है कि चुनाव से एक दिन पहले, कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जेडीएस के विधायकों को एक खुला पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवार मंसूर अली खान के पक्ष में वोट डालने की अपील की थी. पत्र में कहा गया था कि उनकी जीत दोनों पार्टियों की ‘धर्मनिरपेक्ष विचारधारा’ की जीत होगी.