बाधाओं को पार करते हुए इस साल की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की सर्वश्रेष्ठ टीम बनकर गुजरात टाइटंस ने सबको चौंका दिया। अब आईपीएल के मीडिया अधिकारों के लिए मंच तैयार है। लाइव और डिजिटल प्रसारण दोनों में ई-नीलामी रविवार को होगी। ऐसे में यह देखने की जरूरत है कि क्या कोई नया खिलाड़ी बाजी मार सकता है।
नीलामी में 10 प्रतिभागी हैं। इनमें से कुछ दुनिया के सबसे अमीर और बहुत प्रसिद्ध आमने-सामने हैं। विशेष रूप से डिजिटल अधिकारों की नीलामी में वायकॉम18/रिलायंस का प्रतिनिधित्व करने वाले मुकेश अंबानी और अमेजन के चेयरमैन जेफ बेजोस के बीच सीधी लड़ाई की संभावना है।
बेजोस दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। अंबानी नौवें नंबर पर हैं। मौजूदा मीडिया अधिकार धारक डिज़्नी-स्टार तो रहेगा ही, लेकिन ऐप्पल और गूगल की मौजूदगी भी नीलामी में बोली लगाने की लड़ाई को दिलचस्प बना सकती है।
कहां तक जाएगी बोली?
माना जाता है कि डिज्नी-स्टार मीडिया अधिकारों को बनाए रखने के लिए आक्रामक बोली लगा सकता है। कंपनी अंत तक लड़ेगी। कंपनी के डिजिटल प्लेटफॉर्म- हॉटस्टार को कथित तौर पर भारत से अपने वैश्विक राजस्व का 30 प्रतिशत प्राप्त होता है। इसका सबसे बड़ा कारण आईपीएल ही है। दूसरी ओर, अमेजन और नेटफ्लिक्स के लिए उनके वैश्विक राजस्व का केवल 5-10 प्रतिशत ही भारत से आता है।
भारतीय समूह रिलायंस और वायकॉम18 ने बोधि ट्री के साथ एक रणनीतिक साझेदारी कर रखी है। बाद में इस परियोजना में 1.78 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है। यह एक निवेश मंच है, जिसे मीडिया टाइकून जेम्स मर्डोक के लुपा सिस्टम्स और स्टार इंडिया के पूर्व कार्यकारी उदय शंकर द्वारा चलाया जाता है। स्टार के अध्यक्ष-सह-सीईओ के रूप में शंकर ने पांच साल पहले अपनी पूर्ववर्ती कंपनी के लिए आधार मूल्य से चार गुना अधिक भुगतान करके आईपीएल मीडिया अधिकार हासिल कर पूरे परिदृश्य को बदल दिया था। अब वह प्रतिद्वंद्वी खेमे में होंगे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने टाई-अप के बाद कहा था, “जेम्स और उदय का ट्रैक रिकॉर्ड बेजोड़ है।” 400 मिलियन से अधिक ग्राहकों के साथ रिलायंस की जियो देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है।
इस बीच बेजोस का अमेजन ही इंग्लिश प्रीमियर लीग का सीधा प्रसारण करता है, जो यकीनन दुनिया की सबसे लोकप्रिय फुटबॉल लीग है। अब यह दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिकेट लीग के डिजिटल मीडिया अधिकारों को भी हर हाल में हासिल करना चाहती है। अपने वैश्विक प्रतिद्वंद्वी नेटफ्लिक्स इंक पर बढ़त हासिल करने से उसका हौसला बढ़ा हुआ है।
आधार मूल्य यानी बेस प्राइस क्या है?
पांच साल पहले स्टार ने 2018-2022 के लिए 16,347 करोड़ रुपये में आईपीएल मीडिया अधिकार हासिल किए थे। इस बार 2023-2027 के लिए बीसीसीआई ने आधार मूल्य 32,890 करोड़ रुपये निर्धारित किया है। बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक, सबसे ज्यादा बोली 45,000 करोड़ रुपये के पार जाने की उम्मीद है। जैसा कि बीसीसीआई के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा, नीलामी की गतिशीलता साधारण लाभ-हानि तर्क का पालन नहीं करती है।
किसने हासिल किए निविदा दस्तावेज?
पता चला है कि डिज्नी-स्टार, सोनी, ज़ी, वायकॉम 18 / रिलायंस, गूगल, अमेजन, ऐप्पल, ड्रीम 11, स्काई स्पोर्ट्स यूके और सुपरस्पोर्ट एसए निविदा (आईटीटी) दस्तावेजों को खरीदने वालों में शामिल हैं। हालांकि इनमें से कुछ ने बेस प्राइस यानी आधार मूल्य में भारी बढ़ोतरी पर नाराजगी जताई है।
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ एनपी सिंह ने पिछले महीने द इकोनॉमिक टाइम्स कहा था, “यह एक बहुत ही आक्रामक आरक्षित मूल्य है और इसकी वास्तविकता की जांच होनी चाहिए, क्योंकि आईपीएल के टीवी दर्शकों की संख्या में 34 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।”
बीसीसीआई अभी भी इतना आश्वस्त क्यों है?
बीसीसीआई के एक अधिकारी के अनुसार, एक उत्पाद के रूप में आईपीएल “बेजोड़” है। कोई अन्य सामग्री नहीं है जो इतना ध्यान खींचती है। चेन्नई सुपर किंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कासी विश्वनाथन ने इससे सहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा, “अगर आप आईपीएल में खेले जाने वाले प्रतिस्पर्धी क्रिकेट को देखें, तो हर कोई जानता है कि यह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टी 20 लीग है। और शायद यही कारण है कि इसके मीडिया अधिकारों की इतनी मांग है। ”
पूरे समीकरण में डिजिटल अधिकार कितने महत्वपूर्ण हैं?
पिछली अवधि के विपरीत, समग्र बोलियों यानी कंपोजिट बिड को समाप्त कर दिया गया है। एक कंपनी तीनों बकेट के लिए अलग-अलग बोली लगा सकती है। साथ ही, इस बार बीसीसीआई ने डिजिटल अधिकारों को दो अलग-अलग बकेट में विभाजित किया है– एक सभी मैचों के लिए, जबकि तीसरे बकेट में टूर्नामेंट के ओपनर और प्लेऑफ सहित हर सीजन में 18 मैचों के अधिकार हैं। यह उन कंपनियों को आकर्षित कर सकता है जो क्रिकेट में छोटी-सी घुसपैठ भी करने को तैयार हैं। इस प्रक्रिया में क्रिकेट बोर्ड को बड़ा पैसा मिलता है।
टीमों की संख्या में वृद्धि नीलामी प्रक्रिया को कैसे निर्धारित करेगी?
शुरुआत में दो नई टीमों के जुड़ने से मैचों की संख्या बढ़कर 74 हो गई है और इसने बेस प्राइस को बढ़ा दिया है। इस टर्म ने 2017 में लगाई गई बोली को लगभग दोगुना कर दिया है। उदाहरण के लिए मौजूदा चैंपियन गुजरात टाइटंस को 100,000 दर्शकों के सामने खेलने का मौका मिल सकता है, जिससे उसे बड़े पैमाने पर प्रशंसक बनाने का अवसर मिलता है। इससे टीवी/ऑनलाइन दर्शकों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है।
क्या आईपीएल की वैश्विक अपील है?
पिछले साल मैनचेस्टर यूनाइटेड के अमेरिकी मालिकों- ग्लेज़र्स ने आईपीएल फ़्रैंचाइज़ी नीलामी में हिस्सा लिया था, क्योंकि दो नई टीमें इससे जुड़ी थीं। ऐसा नहीं है कि ग्लेज़र्स बड़े क्रिकेट प्रशंसक हैं, लेकिन उन्होंने आईपीएल के मॉडल को एनबीए और मेजर लीग बेसबॉल के समान पाया है, जिससे भरपूर कमाई होती है।
एनएफएल के दिग्गज लैरी फिट्जगेराल्ड और डबल ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बास्केटबॉल स्टार क्रिस पॉल ने राजस्थान रॉयल्स में निवेश किया है। दो साल पहले फोर्ब्स ने आईपीएल को दुनिया की छठी सबसे बड़ी खेल लीग के रूप में सूचीबद्ध किया था। दुनिया के हर हिस्से में क्रिकेट का लुत्फ उठाने वाले भारतीय प्रवासी आईपीएल के वैश्विक दर्शकों में इजाफा करते हैं।