प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश की नई स्टार्टअप नीति की शुरुआत की। प्रधानमंत्री मोदी ने आनलाइन माध्यम से इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश में जितनी प्रोएक्टिव स्टार्टअप नीति है, उतना ही परिश्रमी स्टार्टअप नेतृत्व भी है। इसलिए देश एक नई युवा ऊर्जा के साथ विकास को गति दे रहा है।
नरेन्द्र मोदी ने कहा- आज मध्य प्रदेश में स्टार्टअप पोर्टल और आई-हब इंदौर का शुभारंभ हुआ है। मध्य प्रदेश की स्टार्टअप नीति के तहत स्टार्टअप और इन्क्युबेटर को वित्तीय सहायता दी गई है। साल 2014 में देश में 300 से 400 आस-पास स्टार्टअप हुआ करते थे। आज 8 वर्ष के छोटे से कालखंड में भारत में स्टार्टअप की दुनिया ही बदल चुकी है। आज हमारे देश में करीब 70 हजार स्टार्टअप्स हैं। आज भारत में दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप्स इकोसिस्टम है।
पीएम मोदी ने कहा कि अकसर कुछ लोगों को भ्रम हो जाता है कि स्टार्टअप मतलब कम्प्यूटर से जुड़ा हुआ नौजवानों का कोई खेल या कारोबार चल रहा है। 8 साल पहले तक स्टार्टअप शब्द कुछ टेक्निकल वर्ल्ड के गलियारों तक का चर्चा का हिस्सा था वो आज सामान्य भारतीय युवा के सपने पूरा करने एक सश्क्त माध्यम बन चुका है। स्टार्ट अप का दायरा और विस्तार बहुत बड़ा है। स्टार्ट अप हमें कठिन चुनौतियों का सरल समाधान देते हैं। आज के स्टार्ट अप कल के मल्टी नेशनल्स बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में कृषि, रिटेल बिजनेस, स्वास्थ्य क्षेत्र में नए-नए स्टार्ट अप उभरकर आ रहे हैं। जब हम दुनिया को भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की प्रशंसा करते हुए सुनते होते हैं तो हर हिंदुस्तानी को गर्व होता है। 8 साल पहले तक स्टार्टअप शब्द कुछ गलियारों में ही चर्चा का हिस्सा था वो आज सामान्य भारतीय युवा के सपने पूरे करने का एक सशक्त माध्यम बन गया है। जरूरत इस बात की थी कि IT रिवोल्यूशन से बने माहौल को चैनलाइज कर एक दिशा दी जाती लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। एक पूरा दशक घोटालों और पालिसी पैरालिसिस के कारण एक पीढ़ी के सपनों को तबाह कर गया।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में नया करने की ,नए आइडिया से समस्याओं के समाधान की ललक हमेशा रही है लेकिन दुर्भाग्य से जितना प्रोत्साहन, जितना समर्थन पहले के दौर में हमारे युवाओं को मिलना चाहिए था, उतना मिला नहीं। स्टार्ट अप के लिए फंडिग भी बहुत अहम है। आज इस क्षेत्र को सरकार की ठोस नीतियों की वजह से काफी मदद मिली है। सरकार की तरफ से फंड आफ फंड तो बनाया है। स्टार्ट अप को निजी सेक्टर से जोड़ने के लिए अलग अलग प्लेटफार्म तैयार किए गए हैं।
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