दिल्ली सरकार ने शहर भर में 500 स्थानों पर भारतीय ध्वज को स्थापित करने के लिए 84 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। इस कदम की घोषणा आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के “देशभक्ति बजट” के तहत वर्ष 2021 से 2022 के लिए मार्च में की गई थी।
बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा सहित कई विभागों की योजनाओं में “देशभक्ति” या राष्ट्रवाद के विभिन्न तत्व शामिल हैं। अन्य बातों के अलावा सरकार ने एक “देशभक्ति पाठ्यक्रम” के निर्माण का प्रस्ताव रखा जो “छात्रों के युवा मन में एकता और भाईचारे, देश के लिए प्रेम और सम्मान की भावनाओं को स्थापित करने के लिए प्रतिदिन एक अवधि प्रदान करेगा। आम आदमी पार्टी भारतीय स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रही है, जबकि राजधानी में ध्वज को सर्वव्यापी बनाने का भी प्रयास कर रही है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मार्च में कहा था, “अगर कोई अपने घर से 2 किमी बाहर भी जा रहा है तो उसे तिरंगा लहराता हुआ देखने को मिलेगा जिससे देशभक्ति महसूस होगी।”
शुरुआत में मार्च में पेश किए गए बजट में 500 फ्लैग मास्ट की स्थापना के लिए 45 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। लेकिन दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग की ओर से 24 जुलाई को जारी टेंडर के मुताबिक यह आंकड़ा बढ़ाकर 84 करोड़ रुपये कर दिया।
दिल्ली में 495 स्थानों पर 35 मीटर ऊंचे मस्तूल झंडे लगाने के लिए निविदा 9 अगस्त तक बोली लगाने की मांग करती है। इसने फ्लैग पोल के निर्माण को पूरा करने की समय सीमा 150 दिन निर्धारित की है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बाकी बचे पांच पोल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस से पहले लगाए जाने हैं।
टेंडर में कुल राशि के हिसाब से प्रत्येक फ्लैग पोल को लगाने में करीब 16.8 लाख रुपये का खर्च आएगा।
मामले पर खबर प्रकाशित करने के लिए स्क्रॉल डॉट इन द्वारा दिल्ली सरकार के प्रवक्ता और आप विधायक सौरभ भारद्वाज से शहर में तिरंगा लगाने पर 84 करोड़ रुपये खर्च करने की आवश्यकता के बारे में पूछा तो उनके सवालों का जवाब नहीं दिया।
भारद्वाज ने कहा कि, राजधानी में इस समय सबसे अधिक दबाव वाले मुद्दों में से एक भूख और खाद्य सुरक्षा का है, और यहीं पर दिल्ली सरकार अपने संसाधनों का उपयोग कर सकती है। उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करने के लिए बार-बार अदालतों का दरवाजा खटखटाना पड़ा है कि सरकार उन परिवारों को राशन मुहैया कराए जिनके पास राशन कार्ड नहीं है।”