नरेंद्र मोदी सरकार इस बात को लेकर अनिश्चित दिखती है कि देश में कोविड-19 के कितने टीके तैयार किए जा रहे हैं।
इसलिए कि संसद में एक ही दिन घरेलू वैक्सीन उत्पादन के लिए सरकार के पास तीन अनुमान थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 20 जुलाई को सबसे पहले कहा था कि कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक हर महीने एक करोड़ खुराक का उत्पादन कर रही है और आने वाले महीनों में इसे बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया जाएगा।
फिर संसद में दूसरे सवाल पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा कोविशील्ड के उत्पादन की वर्तमान औसत मासिक क्षमता 11 करोड़ खुराक है और भारत बायोटेक द्वारा कोवैक्सिन की 2.5 करोड़।” तीसरे सवाल पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट एक महीने में अनुमानित 13 करोड़ खुराक का उत्पादन कर रहा। इसी तरह भारत बायोटेक एक महीने में लगभग 1.75 करोड़ खुराक का।
संसद में इन अनुमानों से पहले, भारत सरकार ने मई में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि भारत बायोटेक एक महीने में कोवैक्सिन की एक करोड़ खुराक का उत्पादन कर रहा है।
लक्ष्य बनाम उत्पादन
जनवरी से मोदी सरकार ने कई टीकाकरण लक्ष्यों की घोषणा की है। सरकार ने 26 जून को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह जुलाई के अंत तक कुल 51.6 करोड़ खुराक का इंतजाम करेगी। 23 जुलाई तक इसने 41.8 करोड़ से अधिक खुराकें दी थीं। अगले आठ दिनों में 10 करोड़ खुराक के इस अंतर को पूरा करने के लिए सरकार को बिना ब्रेक के हर दिन 1.25 करोड़ खुराक देने की आवश्यकता होगी। यह लगभग असंभव होने जा रहा है। इसलिए कि सबसे अच्छे दिन में भी देश में लगभग 50 लाख खुराकें ही दी गई हैं।
कोवैक्सिन की सप्लाई में देरी
भारत बायोटेक को मार्च में दिए गए आदेश के तहत 20 करोड़ खुराक की आपूर्ति करनी थी। 26 जून को सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा, कंपनी को अभी भी 10 करोड़ 80 लाख खुराक की आपूर्ति करनी बाकी थी। यदि कंपनी की उत्पादन क्षमता वास्तव में 10 मिलियन प्रति माह थी, तो इसे हासिल करने के लिए यह कोई बड़ा लक्ष्य नहीं था।
सरकार ने 4 जून को कोरोना वायरस वैक्सीन की 19 करोड़ खुराक की आपूर्ति अगस्त और दिसंबर के बीच करने का आदेश दिया। निकट भविष्य में 27 करोड़ टीकों का और ऑर्डर देने वाली है। जबकि भारत बायोटेक का अगस्त और दिसंबर के बीच कुल 40 करोड़ खुराक की आपूर्ति करने का अनुमान है। इसके लिए इसकी क्षमता को एक महीने में लगभग 10 करोड़ खुराक तक बढ़ानी होगी, जो सरकार के अनुमानों से कहीं अधिक है।