भारतीय जीवन बीमा निगम ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का आकार घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया है, जो पहले 5 फीसदी था. सूत्रों ने शनिवार को ये जानकारी दी. जबकि मसौदा प्रस्ताव में सरकार ने 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव रखा था. सरकार अब एलआईसी में अपने 3.5 फीसदी शेयरों को 21,000 करोड़ रुपये में बेचेगी, हालांकि ये नियामकीय मंजूरी के तहत होगा. मसौदा में कहा गया था कि सरकार एलआईसी की पांच फीसदी इक्विटी बेचेगी. इसके तहत एलआईसी का बाजार मूल्य 6 लाख करोड़ रुपये आंका गया था.
भारतीय जीवन बीमा निगम ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का आकार घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया है, जो पहले 5 फीसदी था. सूत्रों ने शनिवार को ये जानकारी दी. जबकि मसौदा प्रस्ताव में सरकार ने 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव रखा था. सरकार अब एलआईसी में अपने 3.5 फीसदी शेयरों को 21,000 करोड़ रुपये में बेचेगी, हालांकि ये नियामकीय मंजूरी के तहत होगा. मसौदा में कहा गया था कि सरकार एलआईसी की पांच फीसदी इक्विटी बेचेगी. इसके तहत एलआईसी का बाजार मूल्य 6 लाख करोड़ रुपये आंका गया था.
एलआईसी का बाजार वैल्यू करीब 17 लाख करोड़ रुपये आंका था
हालांकि पहले सरकार ने एलआईसी का बाजार वैल्यू करीब 17 लाख करोड़ रुपये आंका था. पिछले कुछ महीनों में निवेशक बहुत जोखिम लेने से बच रहे हैं. हमने महसूस किया कि उच्च मूल्यांकन को सामने रखने का कोई मतलब नहीं है. लिस्टिंग के बाद ज्यादा वैल्यूएशन का पता लगाया जा सकता है. आखिरकार, सरकार अभी भी लगभग 95 प्रतिशत मुद्दे पर कब्जा कर लेगी.
आईपीओ मई के पहले हफ्ते में आने की संभावना है
भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ मई के पहले हफ्ते में आने की संभावना है. इनवेस्टमेंट बैंकिंग के सूत्रों ने ये जानकारी दी है. सरकार की प्रारंभिक योजना तो जीवन बीमा निगम को पिछले वित्तीय वर्ष में ही उसे सूचीबद्ध करने की थी, लेकिन रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद बाजार पर असर पड़ा और सरकार को अपनी योजना टालनी पड़ी.