अगर करों के आधार पर कुछ परेशानी नहीं हुई तो टेस्ला एक कारखाना स्थापित करने के लिए भारत पर नजर गड़ाए हुए है। एलोन मस्क ने भारत में टेस्ला कारों को लॉन्च करने के बारे में पूछे जाने पर ट्विटर पर अपने विचार व्यक्त किए। कंपनी ने भारतीय मंत्रालयों को पत्र लिखकर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर आयात शुल्क कम करने की मांग की है।
विश्व के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति एलोन मस्क दुनिया में बैटरी चार्ज या इलेक्ट्रिक वाहनों में सबसे आगे है। उनकी दुनिया की पाँचवी सबसे बड़ी कार बाजार कंपनी टेस्ला भारत में इन इलेक्ट्रिक वाहनों को लॉन्च करने के लिए सक्रियता से काम कर रही है। इंतजार खत्म होता दिख रहा है और 2021 के अंत तक, टेस्ला कारें बहुत जल्द भारत की सड़कों पर दौड़ती हुई दिखेंगी।
वर्तमान में मस्क इलेक्ट्रिक वाहनो पर लगाए गए उच्च करों से निराश हैं। भले ही भारतीय सड़कों पर टेस्ला पहुँच जाए पर यह अधिकांश भारतीय ग्राहकों के लिए पहुंच से बाहर हो सकता है क्यूँकि पहले से ही लोग उच्च ईंधन व पेट्रोल की कीमतों का भुगतान कर रहे हैं। लेकिन उत्साह अत्यंत बढ़ता जा रहा है क्योंकि कंपनी ने अपनी कार के इंफोटेनमेंट सिस्टम के यूजर इंटरफेस पर हिंदी को एक भाषा के रूप में शामिल किया है। कुछ घंटे पहले, मस्क ने ट्वीट के जवाब में कहा, “हम ऐसा करना चाहते हैं, लेकिन किसी भी बड़े देश के मुकाबले आयात शुल्क दुनिया में सबसे ज्यादा है।” मस्क एक सवाल का जवाब दे रहे थे क्यूँकि एक व्यक्ति ने उनसे टेस्ला को जल्द से जल्द भारत में लॉन्च करने का अनुरोध किया।
फिलहाल भारत 40,000 डॉलर से कम कीमत वाली कारों पर 60 फीसदी शुल्क और 40,000 डॉलर (29,60,000 रुपये) से अधिक कीमत वाली कारों पर 100 फीसदी शुल्क लेता है। इसके साथ, वाहन पर भारत में बिक्री पर पांच प्रतिशत का जीएसटी भी लगेगा। रॉयटर्स में एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला पहले ही भारत सरकार को शुल्क कम करने के लिए लिख चुकी है। मस्क ने एक ट्वीट के जवाब में कहा, “लेकिन हमें उम्मीद है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कम से कम अस्थायी टैरिफ राहत मिलेगी।”
टेस्ला पूरी तरह से असेंबल की गई इलेक्ट्रिक कारों पर करीब 40 फीसदी आयात शुल्क लगाने पर जोर दे रही है। इसी के साथ टेस्ला धीरे-धीरे भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है। उसने देश के आईटी और इनोवेशन हब, बैंगलोर में – टेस्ला इंडिया मोटर्स एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड- नामक एक सहायक कंपनी को पंजीकृत किया है। डेविड जॉन फेनस्टीन का नाम निदेशकों में से एक है और वह टेस्ला में वैश्विक वरिष्ठ निदेशक है। यह माना जाता है कि डेविड भारत में टेस्ला को बाज़ार में लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।
ऐसी भी खबरें हैं कि अंततः टेस्ला भारत में एक असेंबली लाइन स्थापित करेगी। प्लांट स्थापित करने के लिए ज़मीन की तलाश की जा रही है । गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र ने राज्य के समर्थन की बात रखी है लेकिन सौदा अभी तक नहीं हुआ है ।
कीमत का खेल
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें ऊंचाई पर पहुंचने के साथ, लोग सस्ते विकल्पों की ओर देख रहे हैं। उभरते विकल्पों में से एक इलेक्ट्रिक वाहन है। नई प्रौद्योगिकियां और कुशल बैटरी अब पारंपरिक ईंधन पर चलने वाली कारों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। अमेरिका में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ रही है। 2015 में 5.4 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों से कुल बिक्री 2020 में 29 लाख इकाइयों के साथ समाप्त हुई। यहां तक कि कुल वाहन में हिस्सेदारी भी बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गई है।
हालांकि, भारत में इलेक्ट्रिक बाजार शुरुआती दौर में है। Tata, Mahindra, Hyundai और MG से कुछ विकल्प उपलब्ध हैं लेकिन सुपरकार्स अभी भी सस्ती नहीं हैं।