गुजरात की सियासत में एक “कथित गैर राजनीतिक चेहरे ” की चुनाव दर चुनाव चर्चा होती है , बैठकों का दौर चलता है , खबरें बनती है लेकिन परिणाम शून्य आता है। जी हा आप सही समझे हम बात कर रहे हैं पाटीदार समाज के एक बड़े धड़े लेउआ पटेल समाज के उधोगपति सामाजिक अग्रणी नरेश पटेल की। हमेशा की तरह इस बार भी चुनाव के पहले नरेश पटेल को लेकर सियासत का बाजार गर्म है ,अटकलों का दौर चल रहा है। मानो नरेश पटेल जिधर जायेंगे , हवा उधर ही बहेगी।
नरेश पटेल को लेकर कुछ दिन पहले आप में शामिल होने और गोवा में अरविन्द केजरीवाल से मुलाकात करने की खबरे बनी। फिर पिछले दो सप्ताह से उनके कांग्रेस में शामिल होने को लेकर तारीख तय होने लगी , नरेश पटेल भी कभी एक कदम आगे ,दो कदम पीछे के बयान देकर सुर्खिया बनाते रहे , अब तो कांग्रेस के सबसे बड़े पटेल चेहरे हार्दिक पटेल ने भी साफ कर दिया की वह कब शामिल होंगे उन्ही को पता , वह सीधे आलाकमान के संपर्क में हैं।
हालांकि हार्दिक पटेल ने कुछ दिन पहले खुला पत्र लिखकर कांग्रेस में शामिल होने का निमंत्रण दिया था , कांग्रेस के एक बड़े नेता के मुताबिक जरुरत से ज्यादा भाव दिया जा रहा है , पिछले लोकसभा चुनाव में भी राजकोट से कांग्रेस ने उनके बेटे शिवराज को उम्मीदवार बनाने की अंतिम समय तक कोशिश की थी , लेकिन बात नहीं बनी थी , 2017 के विधानसभा चुनाव में भी कई बैठक कांग्रेस नेताओं और पटेल के बीच हुयी थी।
अब सूत्रों के मुताबिक वह भाजपा के भी संपर्क हैं , जिसकी और बात लगभग अंतिम स्तर पर है , कुछ दिन पहले ही भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल ,नरेश पटेल को अपना दोस्त बता चुके है , उधोगपति पटेल नेता भी मानते हैं की उनकी सबसे बात होती है।
कुछ दिन से उनके समर्थक सर्वे की बात कर रहे है , लेकिन राजनीतिक निर्णय सर्वे के आधार पर कितने होते हैं यह भी जगजाहिर है। नरेश कौन से दल में शामिल होंगे जितना बड़ा सवाल यह है ,उससे बड़ा सवाल यह है की वह राजनीति को कितना प्रभावित कर पाएंगे? कई विशेषज्ञ इस पर शंका जताते हैं। वह शामिल भी होंगे या हमेशा की तरह इस बार भी खाली माहौल बना रहे हैं इस पर भी सवाल हैं ?
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