कोविड महामारी में वर्ष 2020-21 में लॉकडाउन कारण शोरूम खोलने पर प्रतिबंध और मांग में कमी के कारण ऑटोमोबाइल की कुल बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई थी। हालांकि, लॉकडाउन खुलने के साथ उत्पादों की मांग वापस पटरी पर आती दिख रही है। फिलहाल, सबसे बड़ा सरप्राइज है पिछले या प्रीमियम वाहनों में बेहतर पिक-अप।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में आधी गिरावट के बाद लग्जरी कार सेगमेंट में मांग वापस आ रही है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) द्वारा जारी जून माह में वाहन बिक्री के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि देश में लग्जरी कारों की बिक्री में 168 फीसदी का उछाल आया है।
मांग लगभग आधी हो जाने के बाद वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में लग्जरी कारों की बिक्री सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रही है। देखा जाए तो लगभग सभी ब्रांडों के लिए जून की बिक्री मई की तुलना में बढ़ी है।
सार्वजनिक परिवहन मामले में अपना खुद का वाहन होने की प्राथमिकता के कारण कारों की बिक्री में तेजी आ रही है। हालांकि, जून 2020 के बाद के मासिक आंकड़े मांग में तेजी की ओर रुझान दिखाते हैं। मदन सबनवीस केयर रेटिंग वाले अर्थशास्त्री ने कहा, “सामाजिक दूरी के मानदंड, सार्वजनिक परिवहन में यात्रियों पर प्रतिबंध ने एक निजी वाहन के लिए वरीयता में बदलाव शुरू कर दिया है, थोड़ी-सी मांग (एक अवधि के बाद उपभोक्ता खरीद पर वापसी) ने भी वाहन की बिक्री में मदद की है।”
इसके अलावा अन्य कारण जैसे वाहनों के परफ़ोर्मेंस, बनावट और तकनीकी भी बिक्री वृद्धि के कारक हैं। “यदि आप हर महीने बिक्री के आंकड़ों को देखते हैं, तो आप देखेंगे कि नए मॉडल पेश करने वाले ब्रांडों या कारों में वृद्धि अधिक है। न केवल मर्सिडीज बेंज, ऑडी या बीएमडब्ल्यू जैसे प्रीमियम कार ब्रांड, बल्कि मध्यम केटेगरी के हाई-एंड मॉडल की मांग में भी बृद्धि देखे जा रहे हैं,” -एफ़एडीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा।
सुविधाओं की पेशकश करने वाले नए उत्पाद लॉन्च के अलावा, उपभोक्ता मानसिकता में भी बदलाव दिखाई दे रहा है। “कार की ओर एक बदलाव है जो विशिष्ट सुविधाओं की पेशकश करता है। यहां तक कि एक एंट्री-लेवल हैचबैक में भी बेसिक मॉडल की तुलना में टॉप वेरिएंट्स की डिमांड रहती है। यह सभी कारों पर लागू होता है- चाहे आप एंट्री-लेवल, प्रीमियम या लक्ज़री के मामले में अंतर करें।,” -गुलाटी कहते हैं।