गुजरात के सरकारी ठेकेदार अपनी मांगों को लेकर पिछले दो महीने से हड़ताल पर हैं। जिससे राज्य भर में करीब 5,000 करोड़ रुपये के 3300 सरकारी टेंडर नहीं भरे जा सके हैं| राज्य सरकार से बातचीत के बाद भी ठेकेदार संघ की मांगें पूरी नहीं होने से यह स्थिति पैदा हुई है।
गुजरात ठेकेदार संघ पिछले दो महीने से राज्य सरकार को अपनी मांगें बताई है। जिसमें सरकार द्वारा एसओआर दरों की सूची 2012-2013 में जारी की गई थी और उसके बाद से आज तक कोई नई सूची जारी नहीं की गई, इसलिए ठेकेदार संघ हड़ताल पर है।
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इसके अलावा, पिछले चार से पांच वर्षों में लोहा, डामर और लेबर सहित वस्तुओं की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। राज्य सरकार से अनुरोध किया गया था कि एसबीडी केंद्र की नीति ठेकेदारों तक पहुंचाई जाए और 11 माह की समय सीमा के भीतर स्टार रेट प्राप्त किया जाए|
मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद भी एसोसिएशन के अध्यक्षों द्वारा मांगों को पूरा नहीं करने पर ठेकेदार संघ ने हड़ताल वापस ले ली। नतीजा यह है कि एक भी टेंडर नहीं होने से पिछले दो माह से प्रदेश में करीब पांच हजार करोड़ रुपये के विकास कार्य ठप हैं|