गुजरात में बेरोजगारो की बढ़ती संख्या सत्ताधारी दल के नेताओं को ठगी का मौका प्रदान कर रही है | एक के बाद एक मामले सामने आते हैं।
कभी परीक्षा के पेपर लीक हो जाते है तो कभी परीक्षा की पारदर्शिता पर सवालों के घेरे में आ जाती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
गुजरात भाजपा अनुसूचित जाति के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा गुजरात स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (G S R T C ) के संचालक जशु भाई भील ने गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम में नौकरी दिलाने के नाम एक आदिवासी युवक से चालीस हजार रुपये ले लिए , लेकिन नौकरी नहीं लगी ,नौकरी की उम्मीद लगाए युवक को निराशा तब हुयी जब उसके गांव के कुछ लोंगो को परिचालक की नौकरी मिल गयी।
जशुभील ने फ़ोन उठाना बंद कर दिया। मज़बूरी में युवक एक दिन सर्किट हॉउस में जाकर गुजरात भाजपा अनुसूचित जाति के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा गुजरात स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (G S R T C ) के संचालक जशु भील से मिलकर नौकरी की गुहार लगायी .
जशु भील को युवक ने कहा ” आप फ़ोन भी नहीं लेते , दो बार कंडक्टर की भर्ती हो गयी , मैंने ब्याज में पैसा लेकर दिया है ,,साहब मै बहुत परेशान हो गया हु।
पहले जशु उसे पहचाने से इंकार करते है लेकिन जब वह माकरणी नाम लेता है तो उन्हें सब याद आ जाता है , किसी बड़े नेता की तरह कहते हैं जब मीटिंग में रहा होहुगा तो फ़ोन कैसे उठता , अभी मै बदली में व्यस्त हु , कोरोना के कारण एस टी (गुजरात स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ) की ऑफिस बंद है।
कल गांधीनगर जाकर कुछ करता हु , मै बहुत काम किया है।
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क्या है मामला
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तात्कालिक मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के कार्यकाल के दौरान जशु भील को गुजरात स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन का डायरेक्टर बनाया गया था , मूल छोटा उदयपुर के जशुभील ने कोर्पोरशन में कंडेक्टर बनवाने के नाम पर पैसे लेने के आरोप से घिरे हैं।
प्रदेश भाजपा अनुसूचित जनजाति उपाध्यक्ष जसुभाई भील वायरल वीडियो में बताया जा रहा है कि बतौर डायरेक्टर अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने समद मकरानी नाम के युवक से एसटी बस कंडक्टर की भर्ती के लिए पैसे लिए थे.
समद माकरणी नाम के युवक को जब एसटी बस के कंडक्टर की नौकरी नहीं मिली तो उसने पूरी घटना का वीडियो वायरल कर दिया.
इतना ही नहीं समद माकरणी अपना रुपया वापस लेने पहुंचा तब जशुभाई भील ने कहा कि उन्होंने उम्मीदवार से ली गई राशि अगले अधिकारियों को दे दी है.
अब सवाल यह है कि शीर्ष अधिकारी कौन हैं? इसका खुलासा होते ही कई बड़े नेताओं के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है.
क्या कहना है पीड़ित समद माकरणी का
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर समद माकरणी ने कहा, ‘मैंने 2018 एसटी कंडक्टर भर्ती के लिए फॉर्म भरा था. मैंने कंडेक्टर की नौकरी के लिए जशुभाई भील को 40 हजार रुपये दिए थे।
मुझे नौकरी नहीं मिली ,अपने 40 हजार रुपये वापस लेने किये 2020 में जशुभाई से मिलने गया तो मैंने उनका वीडियो बना लिया ।
धोखाधड़ी का शिकार हुआ हूं, मुझे न्याय नहीं मिला है। इसलिए मैंने वीडियो वायरल कर दिया।ताकि मेरे जैसा कोई दूसरा गरीब व्यक्ति धोखाधड़ी का शिकार न हो।
2017 में ही मेरा कार्यकाल समाप्त हो गया था ,वीडिओ पुराना होगा – जशु भील
घटना के सामने आने के बाद बीजेपी नेता जाशु भील ने सफाई दी कि उन्होंने कंडक्टर की नौकरी के लिए पैसे लिए थे. जाशु भील ने कहा कि यह एक पुराना वीडियो हो सकता है।
मेरा कार्यकाल जून-जुलाई 2017 में समाप्त हो गया था ,मेरे पास बहुत से लोग आ रहे हैं। मुझे नहीं पता कि यह वीडियो किसने लिया। हालांकि, मैंने उन्हें इंसाफ देने की बात कही है.
लेकिन उनकी सफाई में डैम इसलिए नजर नहीं आता क्योकि वह वीडियो में ना तो पैसे लेने से इंकार करते और खुद ही कह रहे है की कोरोना के कारण एसटी ऑफिस बंद है ,कल जाकर वह कुछ करेंगे।
पैसा लिया होगा तो ही कोई कहेगा – भाजपा जिला प्रमुख
छोटा उदयपुर के भाजपा जिला प्रमुख रश्मिकांत वसावा ने वाइब्स आफ इंडिया से कहा की कोई पीड़ित मेरे पास नहीं आया है , वीडियो मैंने देखा है , उसमे भी पीड़ित नहीं दिखता ,इसलिए कुछ कहना मुश्किल है।
लेकिन पैसा लिया होगा तो ही कोई कुछ कहेगा ,आदिवासी विस्तार में कार्यकर्ताओं को जोड़ना मुश्किल होता है , इसलिए पार्टी ऐसे लोगो को भी पद दे देती है।