उद्योगपति ,राहुल बजाज का शनिवार को पुणे में निधन हो गया. वो 83 वर्ष के थे. राहुल बजाज करीब 50 सालों तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे थे. उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था
बजाज ने पिछले साल अप्रैल में बजाय ऑटो के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था. बजाज ऑटो भारतीय कारोबार खासकर ऑटोमोबाइल क्षेत्र में जानामाना नाम रहा है. इसकी टैगलाइन यू जस्ट कांट बीट ए बजाज रही. उसके दोपहिया वाहन का ऐड हमारा बजाज भी काफी सुर्खियों में रहा.
राहुल बजाज ने 1965 में बजाज ग्रुप की जिम्मेदारी संभाली थी. बजाज ग्रुप की ओर से साझा की गई जानकारी में कहा गया है कि बेहद दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि राहुल बजाज अब हमारे बीच नहीं रहे.बजाज की पत्नी रूपा बजाज का पहले ही निधन हो चुका है.
उस वक्त परिवार के नजदीकी रिश्तेदार वहीं पर थे.
उद्योगपति किरण मजूमदार शॉ ने बजाज के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने कहा कि ये बेहद दुखद समाचार है. वो मेरे करीबी मित्र थे और मैं उनकी कमी बहुत महसूस करूंगी. देश ने अपने एक महान सपूत को खो दिया है.
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बजाज ने बजाज ऑटो को पहुंचाया शीर्ष पर
राहुल बजाज की अगुवाई में ही बजाज ऑटो का टर्नओवर 7.2 करोड़ रुपये से 12 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचा. इसके साथ वो दोपहिया वाहन बनाने वाली देश की शीर्ष कंपनियों में शुमार हो गई.
90 के दशक में बजाज ग्रुप का हमारा बजाज विज्ञापन घर-घर तक बेहद चर्चित रहा. बजाज को साल 2001 में उद्योग जगत में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था
.पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी कारोबारी बजाज के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने राहुल बजाज के साथ उनकी करीब 40 साल तक दोस्ती को भी याद किया है.उनके निधन से देश के उद्योग जगत में शोक की लहर दौड़ गयी , वह अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते थे।